ayodhya ram mandir : हिन्दू धर्मं के आस्था का प्रतीक
नमस्कार दोस्तों,
आज हम इस blog में एक महत्वपूर्ण और आध्यात्मिक विषय पर चर्चा करेंगे – आयोध्या में बन रहे राम मंदिर के विषय में। यह विषय भारतीय समाज में गहरे रूप से जुड़ा हुआ है और अयोध्या में बने राम मंदिर की आस्था करोडों लोगों से जुड़ी हुई है |
इतिहास और परंपरा
आयोध्या, भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। रामायण के अनुसार अयोध्या में बने राम मंदिर ही भगवान श्री राम का जन्मस्थान है | इसी स्थान पर राम मंदिर की नींव रखी गई थी। राम मंदिर का निर्माण एक समर्पित समूह द्वारा किया जा रहा है, जिसने इसे अपने समर्पण और भक्ति का प्रतीक माना है।
न्याय और समर्पण
15 वीं शताब्दी में, मुगलों ने राम जन्मभूमि पर एक मस्जिद, बाबरी मस्जिद का निर्माण किया था । हिन्दुओं का मानना है कि मस्जिद का निर्माण एक हिन्दू मन्दिर को खंडित करने के बाद किया गया था।यह 1850 के दशक में ही था जब विवाद हिंसक रूप में सामने आया था |विश्व हिन्दू परिषद् ने घोषणा की थी कि वह इलाहाबाद उच्च न्यायलय की लखनऊ पीठ द्वारा रोकने के आदेश दिए जाने से पहले विवादित क्षेत्र पर मन्दिर की आधारशिला रखेगी। विहिप ने तब उन पर “श्री राम” लिखी धनराशि और ईंटें एकत्रित की थी | विवाद का हिंसक रूप दिसम्बर 1992 में बढ़ गया जब बाबरी मस्जिद का विध्वंश हुआ | वर्ष 2019 में अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय की पांच जजों की बेंच ने निर्णय लेते हुए फैसला लिया था कि विवादित भूमि को सरकार द्वारा गठित एक ट्रस्ट को सौंप दिया जाए, जिसका नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र है। इस निर्णय के बाद से, लोगों में एक साकारात्मक और एकजुट भावना देखी जा रही है, जो राम मंदिर के निर्माण को लेकर अग्रसर हो रही है।
सांस्कृतिक समृद्धि
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने मार्च 2020 राम मंदिर के निर्माण का पहला चरण शुरू किया | निर्माण स्थल के समतल और खुदाई के दौरान एक शिवलिंग, खंभे और टूटी हुई मूर्तियाँ मिलीं।केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मिट्टी परीक्षण, कंक्रीट और डिजाइन जैसे क्षेत्रों में सहायता कर रहे हैं। रिपोर्टें सामने आईं कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सरयू की एक धारा की पहचान की थी जो मंदिर के नीचे बहती है।आपको बताते चले की राजस्थान से आए 600 हजार क्यूबिक फीट बलुआ पत्थर बंसी पर्वत पत्थरों से निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा।
मंदिर निर्माण आधिकारिक तौर पर 5 अगस्त को आधारशिला के समारोह के बाद फिर से शुरू हुआ। तीन दिवसीय वैदिक अनुष्ठानों को आधारशिला के समारोह से पहले आयोजित किया गया था, जो कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आधारशिला के रूप में 40 किलो चांदी की ईंट की स्थापना हुई। 4 अगस्त को, रामार्चन पूजा की गई, सभी प्रमुख देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया गया।5 अगस्त को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी हनुमान गढ़ी मंदिर में हनुमान की अनुमति के लिए गए थे। इसके बाद राम मंदिर का जमीनी तोड़ और शिलान्यास हुआ।प्रक्रियात्मक समर्थन करने वाले लोग मानते हैं कि यह एक ऐतिहासिक परिवर्तन होगा जो भारतीय सांस्कृतिक समृद्धि की दिशा में एक नया मोड़ खोलेगा। वे यहाँ तक कहते हैं कि राम मंदिर ही भारतीय समृद्धि और एकता का प्रतीक होगा।
प्राण प्रतिष्ठा पूजन
आपको बताते चलें की आगामी 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की पूजन होनी है
, प्रभु श्रीराम की पूजन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया जाना है जिसमे 11-12 लोग मौजूद रहेंगे | इस दौरान पीएम मोदी रामलला का पूजन करेंगे, जो लगभग 30 मिनट का होगा. षोडशोपचार पूजन और महापूजन को मिलाकर गर्भगृह में कुल पूजा का वक्त लगभग 40 मिनट का होगा | 22 जनवरी 2024 को हर व्यक्ति , प्रभु श्रीराम की पूजन का साक्षी बनना चाहता है | प्रधानमत्री ने सभी लोगो से आग्रह किया है की सभी लोग 22 तारीख को अपने – अपने घरों में दिवाली बनाये और दीप जलाये | लम्बे समय के इंतज़ार के बाद भगवन श्रीराम का भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है , करोड़ो हिन्दुओं का सपना साकार होने वाला है|
समापन
इस Blog के माध्यम से हम चाहते हैं कि आप सभी इस ऐतिहासिक पल के साथ जुड़ें और अपने विचार, सुझाव और अनुभूतियों को हमारे साथ साझा करें। हम आपकी राय का समर्थन करते हैं और इस सफल पहल के लिए आप सभी के साथ हैं और साथ ही साथ आपसे निवेदन भी करते है की 22 जनवरी 2024 को भगवन श्री राम के आने की ख़ुशी में अपने आस – पास की जगह को दीपक से रोशन करें | प्रभु श्रीराम आप सभी लोगो की सारी मनोकामना अवश्य रूप से पूरी करेंगे | अगर आपको यह blog पढ़ के अच्छा लगा हो तो कृपया इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें , लाइक करे, कमेंट करें |
धन्यवाद
Jai shree Ram
jai shree ram
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