Classical Singer उस्ताद राशिद खान अपने जीवन के अंतिम समय तक अस्पताल में करते रहे रियाज़
हिंदुस्तान में संगीत कि दुनिया के जाने-माने संगीतकार उस्ताद राशिद खान ने 55 साल कि उम्र में 09 जनवरी 2024 दिन मंगलवार दोपहर 3 बजकर 45 मिनट पर कोलकाता के एक निजी अस्पताल में दुनिया को अलविदा कह दिया | आपको बताते चलें कि वह लम्बे समय से प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे थे | अस्पताल के सूत्रों ने पता चला है कि वो काफी समय से इलाज़ करा रहे थे और उनकी सेहत में लगातार सुधार भी आ रहा था , परन्तु दिन मंगलवार को अचानक उनकी हालत एक दम ख़राब हो गयी , जिसके कारण उनको वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया पर उन्हें बचाया नहीं जा सका |
उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे संगीत सम्राट
उस्ताद राशिद खान का जन्म 1 जुलाई 1968 को सहसवान , बदायूँ , उत्तर प्रदेश में हुआ था | उन्होंने अपना प्रारंभिक शिक्षा अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन खान से प्राप्त किया। वह उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के भतीजे भी थे । बचपन में उन्हें संगीत में बहुत कम रुचि थी उनके चाचा गुलाम मुस्तफा खान उनकी संगीत प्रतिभा को पहचानने वाले पहले लोगों में से थे, और कुछ समय के लिए उन्हें मुंबई में प्रशिक्षित किया |
हालाँकि बचपन में रशीद को इन पाठों से नफरत थी, लेकिन अनुशासित प्रशिक्षण ने आज तान और लयकारी में उनकी आसान महारत हासिल कर ली में प्रशिक्षित किया । राशिद खान ने अपना पहला संगीत कार्यक्रम ग्यारह साल की उम्र में दिया और अगले वर्ष, 1978 में, उन्होंने दिल्ली में आईटीसी के एक संगीत कार्यक्रम में प्रदर्शन किया|
कहा जाता है कि पंडित भीमसेन जोशी ने राशिद खान को ‘भारतीय संगीत का भविष्य’ बताया था। बचपन में उस्ताद राशिद खान को संगीत में थोड़ी ही दिलचस्पी थी। उन्हें निसार हुसैन खान और गुलाम मुस्तफा खान से गाने के गुर सीखे।
राष्ट्रीय सम्मान और पुरस्कार
आपको जानकारी के लिए बता दे कि उस्ताद राशिद खान को सन 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने पद्म भूषण से सम्मानित भी किया था , साल 2006 तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने बी उन्हें पद्म श्री से नवाज़ा था | उनके द्वारा पाए गए पुरस्कार इस प्रकार है –
- पद्म श्री (2006)
- 2012 में बंग भूषण
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (2006)
- वैश्विक भारतीय संगीत अकादमी पुरस्कार (जीआईएमए) (2010)
- महा संगीत सम्मान पुरस्कार(2012)
- मिर्ची संगीत पुरस्कार( 2013 )
- पद्म भूषण (2022)
उस्ताद राशिद खान के द्वारा गए हुए उनके कुछ मशहूर गाने
वैसे तो उस्ताद जी ने अपने जीवनकाल में एक से एक बढ़कर गाने गए है परन्तु उनके कुछ गीत जो हमेशा हमारे दिलो में जिंदा रहेंगे वो कुछ इस प्रकार है – “तोरे बिना मोहे चैन नहीं”, “मनवा”, “पूरे से ज़रा सा”, “बोल के लब आज़ाद हैं”, “तू बनजा गली” और आपको बताते चले कि वर्ष 2007 में आई फिम्ल शहीद कपूर और करीना कपूर द्वारा अभिनीत जब वी मेट का मशहूर गीत “ आओगे जब तुम साजना“ भी इन्ही के द्वारा गया गया है |
उस्ताद राशिद खान का यूँ चले जाना संगीत जगत के लिए अपूर्णक्षति है | उनकी प्रस्तुतियाँ उनके मधुर विस्तार में भावनात्मक स्वरों के लिए उभरी थीं। उन्होंने कहा, “भावनात्मक सामग्री अलाप में हो सकती है, कभी-कभी बंदिश गाते समय, या गीत के अर्थ को अभिव्यक्ति देते समय।” इससे उनकी शैली में आधुनिकता का स्पर्श आया, पुराने उस्तादों की तुलना में, जो प्रभावशाली तकनीक और कठिन मार्ग के कुशल निष्पादन पर अधिक जोर देते थे। वह अमीर खान और भीमसेन जोशी की शैली से प्रभावित थे ।
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कब और कहाँ होगा अंतिम संस्कार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है और कहा है – यह पूरे देश और पूरे संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। मैं बहुत दर्द में हूं क्योंकि मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि राशिद खान अब नहीं रहे | उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा। उनकी पार्थिव देह रबींद्र सदन में रखी जाएगी। यहां उनके चाहनेवाले उस्ताद को अंतिम अलविदा कह पाएंगे।